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लक्ष्मी माता मूर्ति स्थापना

लक्ष्मी माता मूर्ति स्थापना

माता महालक्ष्मी के अनेक रूप है जिस में से उनके आठ स्वरूप जिन को अष्टलक्ष्मी कहते है| कोमलता, सुंदरता और सुव्यवस्था में ही सन्निहित रहती है। लक्ष्मी माता आनंद,प्रसन्नता एवं उल्लास की देवी है।ऐसी मान्यता है कि माता लक्ष्मी जहाँ रहेगी वहाँ हर्षोल्लास का वातावरण बना रहेगा| पदार्थ को मनुष्य के लिए उपयोगी बनाने और उसकी अभीष्ट मात्रा उपलब्ध करने की क्षमता को लक्ष्मी कहते हैं। यों प्रचलन में तो ‘लक्ष्मी’ शब्द संपत्ति के लिए प्रयुक्त होता है, पर वस्तुतः वह चेतना का एक गुण है, जिसके आधार पर निरुपयोगी वस्तुओं को भी उपयोगी बनाया जा सकता है। माना जाता है कि जिस व्यक्ति पर माता लक्ष्मी की कृपा हो जाए, उसके जीवन में किसी प्रकार की कमी नहीं रहती|

सुखदेव भक्ति संस्था के प्रांगड़ बिजलपुर धाम में स्थित माँ दुर्गा मंदिर में माता लक्ष्मी की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा पूरे विधि विधान से सपन्न की गयी|
माता लक्ष्मी को धन, वैभव और सुख समृद्धि की देवी कहा जाता है| लेकिन शास्त्रों में मां लक्ष्मी की प्रकृति चंचल बताई गई है|